How to start a career in acting -acting me career kaise shuru kare?

Difference between actor and artist  

How to start a career in acting

अनगिनत लोगो से मैंने सुना है की वो एक्टिंग क्लासेस जाकर एक्टर बनने और एक्टिंग प्रोफेशन से करियर की शुरुआत करने पर विचार कर रहे है। पर उनसे बात करने पर कोई एहसास नहीं होता की उनको आर्ट कला के बारे में भी कुछ जानकारी है या एक्टर और आर्टिस्ट के फर्क को की उन्होंने कभी कोई कोशिश की होगी।  

एक्टर बनने के लिए ईमानदारी से कोशिश करना या एक्टर जैसा दिखने की नक़ल करना ?  

क्या एक्टिंग सीखी जा सकती है ?  

मेरा मानना है की लोग करियर चुनते समय अक्सर ये भूल करते है की वे करियर और नौकरी के फर्क को नहीं समझते और करियर का चुनाव कर लेते है तो आइये पहले इसको समझने की कोशिश करते है। जब आप अपनी पसंद का काम करके पैसा कमाते है उसको करियर समझे और जब आप ऐसा काम करके पैसा कमाते है जिसे आप नहीं करना चाहते उसे नौकरी समझे। यंहा मैं नौकरी पेशा लोगो की ही बात कर रहा हूँ। 

अब करियर का चुनाव करते समय आपको तीन बातो का ध्यान रखना जरुरी है। 

  • आपकी काबलियत क्या है? और आपकी स्किल्स यानि हुनर क्या है? 
  • ग्रोथ opportunity , आप जिस फील्ड को चुन रहे है उसमे भविष्य में क्या भविष्य है? 
  • सही मेहनताना या  वाजिव वेतन क्या है?  

जिस क्रम में मैंने उपर लिखा है उसी क्रम में मैं इसको लेना जरुरी मानता हूँ ये मेरा अनुभव है। पर ज्यादातर लोग पैसे पर पहले ध्यान देते है फिर ग्रोथ opportunity मतलब उस फील्ड का या प्रोफाइल का भविष्य क्या है और फिर स्किल्स सेट पर वे ध्यान सबसे बाद में देते है।

कैरियर चुनते समय हमारे मन में सबसे ज्यादा ध्यान मिलने वाले पैसो पर होता है और ऐसा सोचते समय बहोत कम लोग खुद को रोक पाते है और अपनी काबलियत या हुनर को ध्यान में रखते हुए करियर चुनने की कोशिश करते है जिसके लिए उनको कई बार या अक्सर ही लोगो से सुनना पड़ता है की भाई गलती कर रहे हो मेरी मानो तो इसमें नहीं उसमे जाओ फायदे में रहोगे और धीरे धीरे सीख भी जाओगे। और इस व्यवस्था को इतने ज्यादा लोगो ने इतनी बार कहा की येही सच और सही माना जाने लगा। 

और कुछ भाग्यशाली ऐसे भी है जिनको उनके पसंद का करियर बनाने के लिए उनके आसपास के ज्यादातर या कुछ लोग प्रोत्साहित करते है और मदद भी करना चाहते है। ऐसे लोग बहोत ज्यादा खुश रहते है क्यों की उनको उनके के लिए मेहनत करते समय भी एन्जॉय करना लगता है। और वे बहोत मन से और लगन से अपने काम को कर पाते है जैसे की मानो कोई खेल खेल रहे  हो और उनको काम भी खेल जैसा लगने लगता है इसकी वजह से उनको सफलताएं भी मिलती है और वो अपनी स्किल्स को और ज्यादा निखार पाते है और जब आप किसी भी स्किल में एक्सपर्ट हो जाते है तो उस फील्ड के एक्सपर्ट भी आपके साथ काम करना चाहते है।

और जब आपके पास अपनी स्किल्स का अनुभव भी आ जाता है तो आपको आपकी पसंद का काम करने का भी पैसा मिलता है तब आप करियर बनाते है उसको नौकरी कहना मुझे सही नहीं लगता।

और दूसरी तरफ जब हम किसी ऐसे  ऐसे प्रोफेशन को चुन लेते है जिसमे हमारा मन न हो तब कुछ सालो के बाद हम बोर होने लगते है और इसी बोरियत की वजह से हमसे अक्सर लापरवाहियां होने लगती है जो की गलतियों की वजह बनती है और आपके ओनर या बॉस आपको हटाने का मन बनाने लगते लेते है फिर आप पैसो के लालच में जबरदस्ती खुद को ठीक करने की असफल कोशिश करने लगते है। क्योकि उस नौकरी को आप तब तक नहीं छोड़ना चाहते जब तक की आपको उतने या ज्यादा पैसो वाली नौकरी नहीं मिल जाती। और इसी जबरदस्ती में आप डिप्रेशन में जाने लगते है इसको में नौकरी करना कहूंगा।

इसलिए सबसे पहले इस फर्क को समझ लेना जरुरी बन जाता है की जो करियर आप अभी चुन रहे है उसमे आपने इन तीन बातो पर ध्यान दिया है या नहीं। करियर और नौकरी में क्या अंतर है ? ज्यादातर लोग इस फर्क को समझे बिना ही कैरियर चुनने की भूल या कहे गलती कर देते है।

एक्टर बनने के लिए ईमानदारी से कोशिश करना या एक्टर जैसा दिखने की नक़ल करना ? 

अक्सर नए लोग फ़िल्मी सितारों को परदे पर देखकर आकर्षित होते है और अपने मन में  उनके जैसे दिखने का सपना देखने लगते है और ऐसा कहते पाए जाते है की हमको भी एक्टिंग सीखनी है और एक्टर बनना है।  मेरा अनुभव ये कहता है की ऐसा कहने वाले ज्यादातर लोग ये नहीं समझते की एक्टिंग तो वो आज भी करते है बस फर्क इतना है की कैमरे के बिना एक्टिंग करते है कभी दोस्तों से कभी फॅमिली में कभी बाजार में ऑफिस में सब जगह वे एक्टिंग करते है जिसका उनको कभी एहसास रहता है कभी नहीं जैसे जब वे दुकानदार से भाव काम करने के लिए इंटेरेस्टेड न होने की एक्टिंग करते है। बाज़ार में अपने बॉय फ्रेंड या गर्ल फ्रेंड के साथ जजते समय कोई जानकार आता जाता दिख जाए तो ऐसे दिखते है की उन्होंने देखा ही नहीं। 
ऑफिस में बॉस के सामने बाते करते समय ज्यादातर एक्शन में एक्टिंग ही होती है और उसके सामने से आते जाते समय ज़्यदातर  लैंग्वेज में एक्टिंग ही होती है। 
और इसी तरह वे खुदको फ़िल्मी सितारे से जोड़कर खुदको एक्टर होने की कल्पना करने लगते है उनको उनके किये काम परदे पर दिखाई देते है पर उनकी की हुई मेहनत को देखने के लिए उनके पास कोई साधन नहीं है इसीलिए जब नए लोग एक्टिंग प्रोफेशन में शुरुआत करना चाहते है और किसी प्रोफेशनल डायरेक्टर या प्रोडूसर से इसके लिए बात करते है तो उनके पास न कोई अनुभव होता है न कोई जानकारी जिसकी वजह से कोई चाहकर भी उनकी मदद नहीं कर पाता। तो फिर इसकी शुरुआत कैसे करनी चाहिए ?

अपनी शोरील और एक वॉयसरील तैयार करे 

नए एक्टर अक्सर ये गलती करते है की वे इसको प्रोफेशनली या कहे सेरियस्ली नहीं करते पाए जाते है जिसकी वजह ऊपर मैने बताई है सिर्फ अट्रैक्शन का होना नाकि पक्के इरादे का होना।  वे अपनी कुछ पिक्चर क्लिक करके इधर उधर शेयर करने लगते है और फिर थक कर किसी और प्रोफेशन में चले जाते है और कहते है की कोई सही से काम करने वाला तो है नहीं फिर कैसे नए लोगो को चांस मिलेगा सब बेवकूफ बनांते है कोई काम तो देता नहीं। जबकि सच ये है की आपने खुद ही खुदको सीरियसली नहीं लिया आपकी ही अप्प्रोच में कमी थी आप सीरियस नहीं थे इसलिए आपको भी सीरियस्ली नहीं लिया गया। 

शोरील कैसे बनाए 

आपको चाहिए की अपनी पिक्टुरेस के साथ अपनी वीडियो शोरील और वॉयसरील बनवाए इसके लिए कोई खास पैसे न खर्च करे आप आराम से खुद भी तैयार कर सकते है या किसी भी प्रोफेशनल से तैयार करवा सकते है जो की 3 से 5 हज़ार में बन सकती है इसकी जरुरत होती है डायरेक्टर प्रोडूसर आपकी कैमरा परफॉरमेंस को देखना चाहते है सिर्फ फोटो देखकर क्या करेंगे ? आप एक्टिंग के लिए करियर बनाना चाहते है नाकि मॉडलिंग के लिए मॉडलिंग में पिक्चर पोर्टफोलियो जरुरी है मगर एक्टिंग के लिए आपको शोरील और वॉयसरील बनवानी ही पड़ेगी वरना जगह जगह फेक ऑडिशन देते रहो क्योकि आजकल 99 % फेक ऑडिशन ही होते है जो सिर्फ डाटा कलेक्शन का काम करते है और बाद में पैसे मांगते है काम दिलाने के नाम पर। शौरील ज्यादा से ज्यादा 5 मिनट की होनी चाहिए क्योकि डायरेक्टर प्रोडूसर आपकी परफॉरमेंस कुछ सेकण्ड्स में ही जज कर लेते है और ज्यादा टाइम शोरील देखने में नहीं देते इसलिए आपको शोरील तैयार करके डायरेक्टर प्रोडूसर , क्लाइंट्स या एडवरटाइजिंग एजेंसीज और कास्टिंग एजेंसीज को अपने बायो डाटा के साथ भेज देनी चाहिए और जब भी उनको आपके लायक कोई काम आएगा तो वे आपसे संपर्क कर सकेंगे। 

ऑडिशन आजकल एक प्रोफेशन बन गया है 

प्रोफेशनल कास्टिंग डायरेक्टर और डायरेक्टर प्रोडूसर आपको एकदम से ऑडिशन के लिए कभी नहीं बुलाते वे सबसे पहले आपके काम करने के तरीके पर ग़ौर करते है आप कैसे खुदको प्रेजेंट करते है ? आपकी कम्युनिकेशन अप्प्रोच कैसी है आप  सिनसेरली अपने काम करते है और कम्युनिकेशन गैप कितना करते है या नहीं करते है। आपकी सिंसेरेटी उनको आपके साथ काम करने की प्रेरणा देते है नाकि आपकी ऊलजलूल पिक्चर और भद्दे वीडियो क्लिप्स। आप सिर्फ 3 मिनट की एक शो रील और इतने ही समय की वॉइस रील उनको भेजते है तो उनको भी आपके काम को देखने का मौका मिल जाता है और अच्छा लगे तो आपसे संपर्क कर लेते है  वरना फेक ऑडिशंस दे दे कर आप डिप्रेस हो जाते है और पीछे हैट जाते है आजकल ऑडिशन एक प्रोफेशन बन गया है कोई भी ऑडिशन लेना शुरू कर देता है न उनको ऑडिशन का मतलब पता होता है न आर्टिस्ट और एक्टर के बीच का फर्क। जैनुइन कास्टिंग डायरेक्टर कभी आपको तुरंत ऑडिशन के लिए नहीं बुलाएँगे वे आपसे शो रील और वौइस् रील ही मांगेंगे और समय लेंगे आपकी कंसिस्टेंसी देखेंगे आपके काम करने के तरीके पे गौर करंगे फर्म जब  आपके लायक होगा तो आपको ऑडिशन या लुक टेस्ट के लिए बुलाएँगे।