Career Consultation with Consultant Prithviraj

 

career consultation by consultant prithviraj

How to choose a career of your choice and What is the difference between a career and a job?

अपनी पसंद का करियर मतलब आजीविका कैसे चुने ? करियर और नौकरी में क्या फर्क है? 

मेरा मानना है की लोग करियर चुनते समय अक्सर ये भूल करते है की वे करियर (आजीविका ) और नौकरी के फर्क को नहीं समझते और करियर का चुनाव कर लेते है तो आइये पहले इसको समझने की कोशिश करते है। एक सर्वे की माने तो पाया गया की 70 प्रतिशत नौकरी पेशा लोग अपना ही कोई काम शुरू करना चाहते है क्योकि  अपनी वर्तमान नौकरी से वे खुश नहीं है। कारण जानने पर इसकी एक मुख्य बड़ी वजह सामने आई की लोग करियर और जॉब यानि नौकरी के फर्क को समझे बिना ही करियर चुनने की भूल करते है जो जोकि धीरे धीरे डीप्रेशन यानि अवसाद का कारण बन जाता है। तो आज बात करते है की करियर और नौकरी में क्या फर्क है ? फिर जानेंगे की करियर चुनते समय क्या ध्यान देना जरुरी है।

सरल शब्दों में कहे तो जब आप अपनी पसंद का काम करके अपनी आजीविका चलते है या पैसा कमाते है तो उस आजीविका को आप करियर कह सकते है या आप उसको अपना करियर समझे और जब आप ऐसा काम करके पैसा कमाते है जिसे आप नहीं करना चाहते उसे नौकरी समझे। यंहा मैं नौकरी पेशा लोगो की ही बात कर रहा हूँ।  

   कैरियर और नौकरी में क्या फर्क है ? 

 कैरियर चुनते समय किन तीन मुख्य  बातो  पर ध्यान देना जरुरी है ?  

अब करियर का चुनाव करते समय आपको निम्नलिखित तीन बातो का ध्यान रखना जरुरी है। 
  • आपकी काबलियत क्या है? और आपकी स्किल्स सेट यानि हुनर क्या है? 
  • ग्रोथ opportunity , आप जिस फील्ड को चुन रहे है उसमे आपका और उस फील्ड का भविष्य में क्या ग्रोथ opprtunity है? 
  • सही मेहनताना या  वाजिव वेतन क्या है?  

जिस क्रम में मैंने उपर लिखा है उसी क्रम में मैं इसको लेना जरुरी मानता हूँ ये मेरा अनुभव है। पर ज्यादातर लोग पैसे पर पहले ध्यान देते है फिर ग्रोथ opportunity मतलब उस फील्ड का या प्रोफाइल का भविष्य क्या है और फिर स्किल्स सेट पर वे ध्यान सबसे बाद में देते है।

कैरियर चुनते समय हमारे मन में सबसे ज्यादा ध्यान मिलने वाले पैसो पर होता है और ऐसा सोचते समय बहोत कम लोग खुद को रोक पाते है और अपनी काबलियत या हुनर को ध्यान में रखते हुए करियर चुनने की कोशिश करते है जिसके लिए उनको कई बार या अक्सर ही लोगो से सुनना पड़ता है की भाई गलती कर रहे हो मेरी मानो तो इसमें नहीं उसमे जाओ फायदे में रहोगे और धीरे धीरे सीख भी जाओगे। और इस व्यवस्था को इतने ज्यादा लोगो ने इतनी बार कहा की येही सच और सही माना जाने लगा। 

और कुछ भाग्यशाली ऐसे भी है जिनको उनके पसंद का करियर बनाने के लिए उनके आसपास के ज्यादातर या कुछ लोग प्रोत्साहित करते है और मदद भी करना चाहते है। ऐसे लोग बहोत ज्यादा खुश रहते है क्यों की उनको उनके के लिए मेहनत करते समय भी एन्जॉय करना लगता है। और वे बहोत मन से और लगन से अपने काम को कर पाते है जैसे की मानो कोई खेल खेल रहे  हो और उनको काम भी खेल जैसा लगने लगता है इसकी वजह से उनको सफलताएं भी मिलती है और वो अपनी स्किल्स को और ज्यादा निखार पाते है और जब आप किसी भी स्किल में एक्सपर्ट हो जाते है तो उस फील्ड के एक्सपर्ट भी आपके साथ काम करना चाहते है।

और जब आपके पास अपनी स्किल्स का अनुभव भी आ जाता है तो आपको आपकी पसंद का काम करने का भी पैसा मिलता है तब आप करियर बनाते है उसको नौकरी कहना मुझे सही नहीं लगता।

और दूसरी तरफ जब हम किसी ऐसे  ऐसे प्रोफेशन को चुन लेते है जिसमे हमारा मन न हो तब कुछ सालो के बाद हम बोर होने लगते है और इसी बोरियत की वजह से हमसे अक्सर लापरवाहियां होने लगती है जो की गलतियों की वजह बनती है और आपके ओनर या बॉस आपको हटाने का मन बनाने लगते लेते है फिर आप पैसो के लालच में जबरदस्ती खुद को ठीक करने की असफल कोशिश करने लगते है। क्योकि उस नौकरी को आप तब तक नहीं छोड़ना चाहते जब तक की आपको उतने या ज्यादा पैसो वाली नौकरी नहीं मिल जाती। और इसी जबरदस्ती में आप डिप्रेशन में जाने लगते है इसको में नौकरी करना कहूंगा।

इसलिए सबसे पहले इस फर्क को समझ लेना जरुरी बन जाता है की जो करियर आप अभी चुन रहे है उसमे आपने इन तीन बातो पर ध्यान दिया है या नहीं। करियर और नौकरी में क्या अंतर है ? ज्यादातर लोग इस फर्क को समझे बिना ही कैरियर चुनने की भूल या कहे गलती कर देते है।